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मैं हाल ही बंगाल से आ रहा था और सो भी देहात से। कलकत्ते में स्त्री-स्वाधीनता है- कानों से अवश्य सुनी है, पर ऑंखों नहीं देखी। किन्तु, क्या स्वाधीनता प्राप्त करके ...